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लेखनी प्रतियोगिता -18-Dec-2022

💧💧आंसू 💧💧

दिल कि बात आंसू बयां करते हैं।
बिना बताएं परते खोल देते है।
मगरमच्छ के आंसू अलग महत्व रखते है।
अपनी बात मनवाने का पक्का हथियार जो है।
बच्चे हो या नारी उनके लिए ये आंसू ब्रह्मास्त्र जो है।
कोपभवन भी समरूपता लिए है।
कई बार झूठे आंसू कारागार कि हवा खिलाते है।
इनकी सत्यता को नापने का पैरामीटर जो नहीं है।
पति और पुरूष के विरूद्ध अचूक हथियार जो है।
इसके कोप से देवता भी वंचित नही रह सके।
'विजय' ईश्वर से करबद्ध करे प्रार्थना,
ईस हथियार का गलत उपयोगकर्ता को सद्बुद्धि दे।।

✍️विजय पोखरणा "यस"
🇮🇳 अजमेर

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3 Comments

Punam verma

19-Dec-2022 09:26 AM

Very nice

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Abhinav ji

19-Dec-2022 08:46 AM

Very nice sir

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Rajeev kumar jha

19-Dec-2022 08:36 AM

बहुत ही सुन्दर

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